रूस ने अपने सहयोगी देश सीरिया को निशाना बनाने वाले परिषद के कदमों को रोकने के लिए 10वीं बार अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। परिषद के 15 सदस्यों ने सीरिया में जहरीली गैस हमलों के साजिशकर्ताओं का पता लगाने के लिए 'ज्वाइंट इनवेस्टिगेटिव मैकेनिज्म' (जेआईएम) को अपना काम जारी रखने की अनुमति देने वाले संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मत डाले थे।
जेआईएम पैनल की जांच को एक वर्ष का कार्य विस्तार की अनुमति देने के लिए रूस और अमेरिका ने परस्पर विरोधी मसौदा प्रस्ताव दायर किए थे, लेकिन रूस ने अंतिम क्षण में अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था। प्रस्ताव को परिषद में पारित करने के लिए नौ मतों की आवश्यकता थी, लेकिन पांच देश रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका अपने वीटो का इस्तेमाल कर इसे पारित होने से रोक सकते थे।
रूस ने जेआईएम की ताजा रिपोर्ट के बाद उसकी कड़ी निंदा की थी। रिपोर्ट में सीरियाई वायुसेना पर विपक्षी कब्जे वाले गांव खान शेखहुन पर सेरिन गैस हमला करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें सैकड़ों लोगों मारे गए थे। (भाषा)