आज के युग में रोटी, कपड़ा, मकान व शिक्षा के साथ मोबाइल भी जीने के लिए एक मूलभूत ज़रूरत है और इस ज़रूरत के पीछे सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया प्लेटफार्म ही है। आपको बता दें कि दुनिया में 59.4% लोग सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं जिसमें से एक एवरेज यूजर हर रोज़ सोशल मीडिया पर 2 घंटे 30 मिनट बिताता है। हैरानी की बात ये है कि दुनिया में सबसे ज़्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग भारत और चीन में किया जाता है।
5G के इस युग में लोग मार्केटिंग के लिए भी सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं और इन सबमें कुछ प्रचलित सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम, टिकटोक, फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचैट हैं जिसमें सबसे ज़्यादा प्रचलित इंस्टाग्राम और टिकटोक है। हालांकि टिकटोक भारत में बैन है लेकिन अमेरिका में इसकी लोकप्रियता काफी है।
कई लोग घंटों रील (reel) व टिकटोक (tiktok) पर अपना समय बिताते हैं और उन्हें इस समय का एहसास भी नहीं होता है। रील के आने के कारण लोग घंटों इंस्टाग्राम स्क्रॉल करते हैं और कई बिज़नेस सिर्फ रील और इन्फ्लुएंज़ेर के ज़रिए ही अपना बिज़नेस संचालित कर रहे हैं। पर क्या आपको पता है कि इंस्टाग्राम की रील का समय सिर्फ कुछ सेकंड का क्यों होता है? अगर आप ये सोचते हैं कि ये शॉर्ट वीडियो (short video) का कारण जल्दी सूचना प्रदान करने के लिए बनाया गया है तो आप गलत हैं। आपको बता दें कि रील का समय 15-60 सेकंड रखने कि वजह आपके स्क्रीन टाइम को बढ़ाना है ताकि आप ज़्यादा से ज़्यादा समय उस एप पर बिताएं।
क्यों इंस्टाग्राम रील और टिकटोक इतने अडिक्टिव हैं?
- शॉर्ट वीडियो कि शुरुआत 2013 से Vine एप के ज़रिए हुई जिसमे यूजर 6 सेकंड कि वीडियो बना सकते हैं और ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भेजी जाती थी।
- 2016 में टिकटोक (tiktok) की शुरुआत हुई जिसने शॉर्ट वीडियो का ट्रेंड चलाया और धीरे-धीरे ये एप दुनियाभर में काफी प्रचलित हो गई।
- इंस्टाग्राम रील (instagram reel) का समय कम होने का कारण उस एप पर सबसे ज़्यादा समय बिताने के लिए किया गया है। आप 15 सेकंड की रील कई घंटों तक देखते हैं पर आपका दिमाग को समय का पता नहीं चलता और आप लगातार रील स्क्रॉल करते रहते हैं।
- इंस्टाग्राम रील के ज़रिए आपके दिमाग में हैप्पी हार्मोन्स विकसित होते हैं जिससे आपको रील देखने के बाद अच्छा लगता है और आपको उसकी आदत लग जाती है।
- मनोविज्ञान की S-O-R थ्योरी (Stimulus-Organism-Response) के मुताविक आपका दिमाग किसी टेक्नोलॉजी या एनवायरनमेंट (environment) के ज़रिए सुचना लेता है, उसे समझता है और उस सूचना के अनुसार ही रिस्पांस करता है। इसलिए आपने देखा होगा की रील के बढ़ते ट्रेंड के कारण आजकल हर कोई influenzer बनना चाहता है और शॉर्ट वीडियो (short video) के ज़रिए फेमस होना चाहता है।
- आपने अक्सर देखा होगा कि आपके एक्स्प्लोर पेज पर आपके इंटरेस्ट के अनुसार ही वीडियो या फोटो दिखाए जाते हैं ताकि आप उस कंटेंट पर ज़्यादा समय व्यतीत करें जो आपके इंटरेस्ट का है। इंस्टाग्राम का अल्गोरिदम इस तरह से ही बनाया गया है जो आपके इंटरेस्ट को पहचान सके।
- इसके साथ ही लोगों को इन्फ्लुएंस करने के लिए इंस्टाग्राम बड़े सेलिब्रिटीज (celebrities) को कंटेंट बनाने के लिए पे करता है ताकि लोग उन्हें देखने के लिए उस एप का प्रयोग करें और उनके ट्रेंड को फॉलो करें।
- बढ़ते स्क्रीन टाइम के साथ ही लोगों में मेंटल हेल्थ कि समस्या भी काफी तेज़ी से बढ़ रही है क्योंकि रील पर चमक-धमक देखकर लोग खुद पर डाउट करने लगे हैं और एंग्जायटी, प्रोकास्टिनेशन, नींद न आने जैसी समस्या युवाओं में काफी तेज़ी से बढ़ने लगी है।