लाल किताब के अनुसार शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने का सबसे सटीक आजमाया हुआ नुस्खा

अनिरुद्ध जोशी

मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 (15:57 IST)
lal kitab shani ke upay: यह माना जाता है कि शनिदेव मनुष्य को उसके पाप और बुरे कार्यों आदि का दंड प्रदान करते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है। कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। चानक घर या दुकान में आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है। समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।

अशुभ की निशानी:
यदि शनि बहुत ज्यादा खराब है तो व्यक्ति पराई स्त्री से संबंध रखकर बर्बाद हो जाता है। व्यक्ति जुआ, सट्टा आदि खेलकर बर्बाद हो जाता है। व्यक्ति किसी भी मुकदमे में जेल जा सकता है। व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है। वह पागल भी हो सकता है। व्यक्ति अत्यधिक शराब पीने का आदी होकर मौत के करीब पहुंच जाता है। व्यक्ति किसी भी गंभीर रोग का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो सकता है। भयानक दुर्घटना में व्यक्ति अपंग हो सकता है या मर भी सकता है।ALSO READ: जिन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती, पलटने वाले हैं उनके दिन
 
उपरो‍क्त स्थिति निर्भर करती है शनि ग्रह की कुंडली में स्थिति और व्यक्ति के कर्मों अनुसार।

शुभ की निशानी:
यदि शनि शुभ स्थिति में हो तो जातक हर क्षेत्र में प्रगति करता है। शनि के शुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता है। मकान और दलाली के कार्यों में सफलता मिलती है। व्यक्ति भूमि का मालिक होता है और धन संपन्न रहता है। यदि व्यक्ति लोहे से संबंधित कोई कार्य कर रहा है तो उसमें उसे अपार धन मिलता है।ALSO READ: शनि के राशि बदलते ही शेयर बाजार में मची तबाही और अब अतिचारी गुरु करेंगे 6 बड़े धमाके!
 
शनि की अशुभ स्थिति से बचने का आजमाया हुआ अचूक नुस्खा:
शर्त: शनि के मंदे कार्य करते हो तो छोड़ दें। जैसे शराब पीना, पराई महिला पर गंदी नजर रखना, जुआ सट्टा खेलना, ब्याज का धंधा करना, किसी भी देवी, देवता, गुरु आदि का अपमान करना, अहंकार या क्रोध करना। 
 
उपाय: सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उन्हें कच्चा दूध या शराब अर्पित करें। हनुमान ही शनि के दंश से बचा सकते हैं तो प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। कुत्ते, कौवे, भैस, अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों को भोजन कराते रहें। 
 
सावधानी: यदि शनि कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा। यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला का निर्माण न कराएं। अष्टम भाव में हो तो मकान न बनाएं, न खरीदें।ALSO READ: शनि का मीन राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसे होगा फायदा और किसे नुकसान

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