मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 365 रुपए बढ़कर 91,050 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 90,685 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 365 रुपए की तेजी के साथ 90,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसका पिछला बंद भाव 90,235 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार को घोषित नए वाहन शुल्क के बाद वैश्विक जोखिम धारणा बढ़ने के कारण सोने में बढ़त बरकरार है। चांदी की कीमतें भी 200 रुपये बढ़कर 1,01,700 रुपए प्रति किलोग्राम हो गईं। बुधवार को यह 1,01,500 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 34.77 डॉलर बढ़कर 3,054.05 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्चस्तर के करीब पहुंच गया। एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में गिरावट और दो अप्रैल को अमेरिका के जवाबी शुल्क की संभावना के कारण सोने की कीमतें 3,050 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गईं।
त्रिवेदी ने कहा कि इसके अलावा, कनाडा के लिए संभावित समर्थन को लेकर यूरो क्षेत्र के प्रति अमेरिका की नई धमकियों ने बाजार के जोखिमों को बढ़ा दिया है, जिससे सुरक्षित-पनाहगाह की मांग में और तेजी आई है।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता के अनुसार, ट्रंप की नीतियों को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं। केंद्रीय बैंक आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ बचाव के तौर पर सोना जमा करना जारी रखे हुए हैं, जिससे कीमती धातु की मजबूत मांग बनी हुई है। मेहता ने आगे कहा कि क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के साथ, सोने ने पसंदीदा सुरक्षित-संपत्ति के रूप में चमकना जारी रखा है।
निवेशक शुक्रवार को जारी होने वाले अमेरिकी व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली मौद्रिक नीति की दिशा के लिए एक प्रमुख संकेतक है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बाजार प्रतिभागी अमेरिकी केंद्रीय बैंक की भविष्य की मौद्रिक नीति के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी के लिए कई फेडरल रिजर्व अधिकारियों के संबोधनों पर भी बारीकी से नज़र रखेंगे। इनपुट भाषा