चालू खातों, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट खातों से निकासी की सीमा 30 जनवरी को ही समाप्त कर दी गई थी। साथ ही 1 फरवरी से एटीएम से निकासी की सीमा भी समाप्त कर दी गई थी, लेकिन बचत खातों पर साप्ताहिक निकासी की सीमा बरकरार रहने से ऐसे खाताधारकों के लिए एक प्रकार से एटीएम से पैसे निकालने पर भी सीमा जारी है।
नोटबंदी के बाद आरबीआई ने पर्याप्त मात्रा में नए नोट बैंकों तथा एटीएम में पहुंचने से पहले नकद निकासी की सीमा तय कर दी थी। जैसे-जैसे नए नोटों की आपूर्ति तथा अर्थव्यवस्था में उनका प्रचलन बढ़ता जा रहा है, आरबीआई नकद निकासी पर लगाई गई सीमाओं में ढील देता जा रहा है तथा 13 मार्च से इन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
हर बैंक ने अपने हिसाब से अलग-अलग सीमा तय कर रखी है। कुछ बैंकों ने सॉफ्टवेयर में ऐसे बदलाव भी किए हैं कि एटीएम दूसरे बैंकों के डेबिट कार्ड रीड ही नहीं करते और इस प्रकार वे सिर्फ अपने ग्राहकों को ही पैसे दे रहे हैं। नि:शुल्क ट्रांजेक्शनों की सीमा तय होने से लोगों के लिए दो हजार रुपए करके जरूरत के लिए पैसे निकालने में दिक्कत आ रही है। (वार्ता)