कितना सुरक्षित है बिटकॉइन में निवेश

Webdunia
गुरुवार, 30 नवंबर 2017 (23:31 IST)
इन दिनों खबरों में बिटकॉइन छाया हुआ है। बिटकॉइन को लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ती ही जा रही है। अखबारों से लेकर टीवी समाचारों तक में बिटकॉइन छाया हुआ है। इसके सुर्खियों में बने रहने की एक वजह ये है कि पिछले एक वर्ष के दौरान इस मुद्रा में 900 फीसदी का उछाल आया है। एक बिटकॉइन का मू्ल्य 10 हजार डॉलर यानी 65 हजार रुपए से अधिक हो गया है। इनकी संख्या कम होने से कीमत लगातार घट और बढ़ रही है। 
 
इसकी कीमत की बढ़ोतरी को इस बात से समझा जा सकता है कि 2010 में अगर किसी ने भारतीय मुद्रा में 100 रुपए के बिटकॉइन खरीदे तो आज उनकी कीमत 2 करोड़ 30 लाख रुपए हो गई है। इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं लेकिन बताया जाता है कि 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बिटकॉइन को प्रचलन में लाया था। 22 मई 2010 को एक पिज्जा बिटकॉइन से खरीदा गया था और इसके लिए चुकाए गए थे 10 हजार बिटकॉइन...
 
एक तरह से बिटकॉइन एक डिजीटल करेंसी है, जिसे आम बोलचाल में इंटरनेट करेंसी भी कहा जा सकता है। इस करेंसी को हम अपने घर या अपने वॉलेट में स्टोर नहीं कर सकते है क्योंकि ये किसी तरह का नोट या कोई कॉइन नहीं है, इसलिए बिटकॉइन को आप सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ये Peer To Peer तकनीक पर काम करता है। 
 
बिटकॉइन यूजर इस पर विश्वास करते हैं कि ये एक करेंसी है। इस तरह से ये एक ग्लोबल करेंसी बन गया है। बिटकॉइन एक डीसेंट्रलाइज्ड तरह से है। मतलब इस करेंसी को कंट्रोल करने के लिए कोई अथॉरिटी, सरकार या कोई बैंक नहीं है।
 
कैसे खरीदें बिटकॉइन : बिटकॉइन खरीदने के बहुत से तरीके हैं। बिटकॉइन को आप अपनी लोकल करेंसी से खरीदा जा सकता है। किसी सर्विस से या किसी चीज को या बेचकर आप उस चीज के बदले बिटकॉइन ले सकते हैं। इसके अलावा आप किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन पा सकते हैं। 
 
सबसे महत्वपूर्ण आप बिटकॉइन माइनर कर सकते हैं। बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन वॉलेट की जरूरत होती है। इंटरनेट में बहुत सारे एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर और क्लाउड बेस्ट वॉलेट हैं, जिनमें आप अकाउंट बनाकर बिटकॉइन को स्टोर कर सकते हैं।
 
ऐसे काम करता है बिटकॉइन वॉलेट : बिटकॉइन वॉलेट आपको एक यूनिक एड्रेस उपलब्ध कराता है। मान लीजिये आपने कही से बिटकॉइन खरीदा है तो आपको उसे मंगाने के लिए एक एड्रेस की जरूरत होगी। तो ऐसे में आप बिटकॉइन को अपने वॉलेट में मंगाकर स्टोर कर सकते हैं। जैसे आपने बिटकॉइन को बेचा है और उससे कुछ रुपए कमाए है तो उन रुपयों को बैंक में ट्रांसफर करने के लिए आपको बिटकॉइन की जरूरत होगी। 
 
क्या हैं बिटकॉइन माइनर : माइनिंग के बारे में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि हर देश में में नोट छापने की एक सीमा होती है, ठीक उसी तरह बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा है। बाजार में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते हैं और अभी की बात करे तो बाजार में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन हैं। नए बिटकॉइन माइनिंग के जरिए बाजार में आते हैं। 
 
कैसे होती है बिटकॉइन माइनिंग : मान लीजिए आपके पास कुछ बिटकॉइन हैं तो बिटकॉइन धारक इन्हें भेजने की प्रक्रिया की जांच करते हैं और इन्हें बिटकॉइन माइनर कहा जाता है, जिनके पास हाई पॉवर के कम्प्यूटर होते हैं और इन कम्प्यूटर से बिटकॉइन के लेन-देन की जांच करते हैं।
 
धोखाधड़ी की जांच करते हैं : जब हम कोई बिटकॉइन लेनदेन किया गया तो कोई किसी तरह की हेराफेरी या धोखधड़ी तो नहीं की गई। इसकी जांच करते हैं। इस जांच पर रिवॉर्ड के तौर पर उन्हें नए बिटकॉइन मिलते हैं। तो इस तरह बाजार में नए बिटकॉइन आते हैं।
 
नुकसानदायक हो सकता है लालच : बिटकॉइन की बढ़ती वैल्यू के कारण लोग इसमें निवेश करना चाहते हैं, लेकिन यह लालच आपको महंगा पड़ सकता है और आपकी मेहनत से कमाई गई जीवनभर की पूंजी भी एक झटके में बरबाद हो सकती है। बिटकॉइन को रेगुलेट करने वाली कोई अथॉरिटी बैंक या सरकार नहीं है। बहुत सारे देशों में इसे मान्यता नहीं है। 
 
भारत में भी बिटकॉइन को कोई मान्यता नहीं है। कोई विवाद या गड़बड़ी हुई तो पैसा डूब जाएगा। बताया जाता है कि इसकी कीमत जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी तेजी से घट भी सकती है। अगर आपका बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो आप बिटकॉइन वापस नहीं ले सकते हैं। सरकार आपकी इसमें किसी भी तरह की कोई मदद नहीं करेगी।

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