तेज गेंदबाजों की भारतीय चौकड़ी अगले दो साल तक टेस्ट में शीर्ष पर रह सकती है : भरत अरुण

Webdunia
मंगलवार, 26 मई 2020 (18:41 IST)
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि तेज गेंदबाजों की मौजूदा सफल चौकड़ी अगले दो वर्षों तक अपने खेल के शीर्ष पर रह सकती है। टीम के कोच और चयनकर्ता हालांकि इन गेंदबाजों का विकल्प तलाशने में अभी तक नाकाम रहे हैं। इशांत शर्मा (97 टेस्ट में 297 विकेट), मोहम्मद शमी (49 टेस्ट में 180 विकेट), उमेश यादव (46 टेस्ट में 144 विकेट) और जसप्रीत बुमराह (14 टेस्ट में 68 विकेट) ने 2018 और 2019 के दौरान घरेलू और विदेशी टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है। 
 
अगले नौ टेस्ट (ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में पांच) इस चौकड़ी के लिए एक साथ आखिरी टेस्ट श्रृंखला हो सकती हैं। इन चारों में सिर्फ 26 साल के बुमराह अपने करियर के शुरुआती दिनों मे है।

अरुण ने कहा, ‘मौजूदा तेज गेंदबाजों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे कम से कम अगले दो और वर्षों के लिए इस चौकड़ी के साथ कोई समस्या नहीं दिखती है।’ अरुण का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में कई युवा तेज गेंदबाज उभर रहे हैं। 
 
भारतीय टीम के इस पूर्व मध्यम गति के गेंदबाज ने कहा, ‘हां, तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी तैयार हो रही है। उन्हें पहचानने के लिए चयनकर्ताओं और कोचों के एक संयुक्त प्रयास की आवश्यकता होगी ताकि मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार हो सके।’ उन्होंने कहा कि बेंच स्ट्रेंथ की पहचान करना इसलिए भी जरूरी है ताकि मौजूदा गेंदबाजों को विश्राम देकर उनके करियर को लंबा खिंचा जा सके। 
 
उन्होंने कहा, ‘इससे रोटेशन नीति और गेंदबाजों के कार्यभार को संभालने में मदद मिलेगी। यह जरूरी है क्योंकि आप चाहते हैं कि आपके प्रमुख तेज गेंदबाज सर्वश्रेष्ठ अवसरों के लिए तैयार रहें।’ अरुण ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब अभ्यास शिविर लगे तो तब इन शीर्ष गेंदबाजों के साथ घरेलू मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और भारत ए टीम के गेंदबाजों को भी मौका मिले।
 
उन्होंन कहा, ‘मैं सभी अनुबंधित तेज गेंदबाजों को शिविर में रखना चाहूंगा, उनमें से कुछ होनहार गेंदबाज (तेज और स्पिन) भी हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ भारत ए के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।’ इस शिविर में खिलाड़ियों को लार से इस्तेमाल से बचने के लिए अभ्यस्त होने का मौका भी मिलेगा।
 
उन्होंने कहा, ‘लार के इस्तेमाल की आदत को रोकना काफी मुश्किल काम होगा। हम अपने अभ्यास सत्रों के दौरान इस आदत को खत्म करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे।’ (भाषा)

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