मध्यप्रदेश के शीर्ष बल्लेबाज रजत पाटीदार ने शतक जमाया जिससे उनकी टीम बेंगलूरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के फाइनल के चौथे दिन बेहद मजबूत स्थिति में खड़ी है।
कप्तान आदित्य श्रीवास्तव के आउट होने के बाद जहां एक तरफ मध्य प्रदेश विकेट गंवाती रही, पाटीदार ने एक छोर संभालकर रनों की गति को रुकने नहीं दिया। 483 रन पर सातवें विकेट के रूप में पाटीदार के आउट होने के बाद सारांश जैन (57) ने पारी को संभाला और मध्य प्रदेश की लीड को 165 रन तक पहुंचाया। सारांश ने 97 गेंदों की पारी में सात चौके लगाये।
तीसरे दिन सेंचुरियन यश दूबे को आउट करने वाले शम्स मुलानी ने चौथे दिन मुंबई के पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करते हुए पांच विकेट लिये, जबकि मोहित अवस्थी ने दो विकेट झटके। तुषार देशपांडे ने रजत पाटीदार के बहुमूल्य विकेट सहित तीन विकेट हासिल किये।
मुंबई ने हालांकि एमपी की बढ़त को समाप्त करने की कोशिश में दूसरी पारी की शुरुआत तेजी से की। यशस्वी जायसवाल के घायल होने के कारण पृथ्वी शॉ के साथ विकेटकीपर हार्दिक तमोरे बल्लेबाजी करने उतरे। शुरुआती दस ओवरों में मुंबई ने 61 रन जोड़े, मगर 11वें ओवर की तीसरी गेंद पर कुमार कार्तिकेय ने तमोरे को बोल्ड किया। तमोरे ने 32 गेंद पर 25 रन बनाते हुए दो चौके और एक छक्का लगाया। तमोरे के आउट होने के बाद क्रीज पर आये अरमान जाफर ने कप्तान शॉ के साथ पारी की रफ्तार को बरकरार रखने की कोशिश की, मगर मध्य प्रदेश के गेंदबाजों ने लगातार ऑफ-स्टंप के बाहर गेंदबाजी की और रनों पर लगाम कसी।
अंतत:, शॉ के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने 16वें ओवर में गौरव यादव द्वारा दसवें स्टंप पर डाली गयी गेंद को पॉइंट पर खड़े दूबे के हाथों में थमा दिया। शॉ (52 गेंद 44 रन) के आउट होने के बाद क्रीज पर सुवेद पार्कर आये जिन्होंने दिन का खेल खत्म होने तक नौ रन बनाए हैं जबकि जाफर 30 रन बनाकर खेल रहे हैं। मुंबई मैच में अब भी 49 रन से पीछे है। यदि यह मैच ड्रॉ होता है तो मध्य प्रदेश पहली पारी में ज्यादा रन बनाने के आधार पर अपनी पहली रणजी ट्रॉफी जीत लेगी।