जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका दौरे पर विकेट के पीछे अपने 100 कैच पूरे करने वाले ऋषभ पंत ने एक कैच की अपील कर विवाद मोल ले लिया। दरअसल जोहन्सबर्ग टेस्ट के दूसरे दिन ऋषभ पंत ने रासी वेन डेर डुसेन का कैच लिया और अंपायर ने उंगली उठा दी।
लेकिन यह वाक्या लंच के ठीक पहले हुआ इस कारण जब बल्लेबाज रासी पवैलियन चलते बने तो अंपायर्स ने रीप्ले नहीं देखा। लेकिन लंच के बाद जब पवैलियन में अंपायर्स ने रीप्ले देखा तो पाया गेंद पंत के दस्तानों में जाने से पहले जमीन पर टप्पा खा गई थी।
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार एल्गर और मासुबेलेले वान डेर दुसें के विकेट को लेकर मैदानी अंपायरों मराइस इरासमस और अलाहुद्दीन पालेकर, तीसरे अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक और मैच रैफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट से चर्चा करना चाहते थे।यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इनके बीच क्या चर्चा हुई।
मैदानी अंपायर ने लंच से ठीक पहले शारदुल ठाकुर की गेंद पर वान डेर दुसें को विकेट के पीछे कैच आउट दिया था लेकिन विकेटकीपर ऋषभ पंत द्वारा लपके गए इस मैच की वैधता पर सवाल उठाए गए थे।
हालांकि कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला कि गेंद पंत के ग्लव्स में जाने से पहले जमीन से टकराई।नियम 2.12 के अनुसार मैदानी अंपायर के फैसले को बदलने के लिए स्पष्ट साक्ष्य की जरूरत होती है।
इसके अनुसार, अंपायर किसी भी फैसले को बदल सकता है बशर्ते यह बदलाव तुरंत किया जाए। इसके अलावा अन्य स्थिति में अंपायर का फैसला अंतिम होगा।
कमेंट्री बॉक्स में बैठे लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने कहा कि यह बल्लेबाज की गलती है कि वह क्यों पिच पर नहीं रुका और लगातार पवैलियन की ओर बढ़ता चला गया। अगर उसे शक था तो उसे डीआरएस लेना चाहिए था।
वहीं भारत के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा कि उन्हें लगता है यह नॉट आउट था। हालांकि उन्होंने यह भी माना है कि रीप्ले में पुख्ता तौर से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
सूत्रों के मुताबिक अंपायर्स ने लंच ब्रेक के दौरान यह रीप्ले देखा था। लेकिन कोई भी पुख्ता सबूत ना होने के कारण अपने निर्णय को नहीं बदला।
अगर रासी जल्दबाजी नहीं करते तो सत्र बराबरी पर होता और दक्षिण अफ्रीका 1 विकेट कम खोती। हालांकि इस फैसले से ऋषभ पंत की खेल भावना पर सवाल उठा।
वेस्टइंडीज के विकेटकीपर दिनेश रामदीन ने भी ऐसे ही एक बार कैच की अपील की थी तो उनको आईसीसी का प्रतिबंध झेलना पड़ा था। आइए जानते हैं इस मुद्दे पर किस ने क्या राय रखी।