नई दिल्ली: एसआरटी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने शनिवार को स्पष्ट किया कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर आगामी लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) का हिस्सा नहीं हैं। एलएलसी एक पेशेवर क्रिकेट लीग है जो संन्यास ले चुके खिलाड़ियों के लिए है। इसने हाल ही में अपनी भारतीय टीम की घोषणा की है।
एलएलसी में तीन टीमें होंगी जो 20 जनवरी से शुरु होने वाली लीग में एक दूसरे का सामना करेंगी।भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, इरफान पठान और यूसुफ पठान के साथ अन्य खिलाड़ी करेंगे। भारत की टीम का नाम द इंडिया महाराजा होगा। लीग की दो अन्य टीमें शेष विश्व और एशिया एकादश (एशिया लायन्स) की है।
एशिया लायन्स में पाकिस्तान, श्रीलंका और अफगानिस्तान के खिलाड़ी हैं जिसमें शोएब अख्तर, शाहिद अफरीदी, सनत जयसूर्या, मुथैया मुरलीधरन, चामिंडा वास, रोमेश कालूवितर्णा, तिलकरत्ने दिलशान, अजहर महमूद, उपुल थरंगा, मिस्बाह-उल-हक, मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक, मोहम्मद यूसुफ, उमर गुल और असगर अफगान हैं।
पिछले सीजन के विजेता कप्तान थे सचिन
अपने करियर में बल्लेबाजी में तो सचिन हिट रहे लेकिन कप्तानी की कमी सचिन ने पिछले सीजन में पूरी कर ली। वह कप्तानी में बेहद दिलचस्पी लेते हुए दिखे थे। ऐसा लग रहा था कि वह अपने जूनियर विराट कोहली से काफी कुछ सीखे थे। फील्ड में बदलाव हो या फिर खराब ओवर के बाद निराशा, सचिन के चहरे पर कप्तान के हर भाव समझे जा सकते थे।
जब वह लीजेंड्स लीग के फाइनल मैच में सस्ते में आउट हो गए तो बल्लेबाजी करने युसूफ पठान को भेजा ताकि भारत बड़ा लक्ष्य बना सके।युसूफ ने भी कप्तान को निराश नहीं किया और 29 गेंदो में अर्धशतक जड़ दिया था। वहीं गेंदबाजी में भी युसुफ को तब लाए जब श्रीलंका पर रनगति बढ़ाने का दबाव था। इससे दिलशान और जयसूर्या के महत्वपूर्ण विकेट भारत को मिल पाए। कुल मिलाकर पिछले सीजन के फाइनल में सचिन को कप्तानी में 10 में से 9 नंबर मिल।
श्रीलंका लीजेंड्स को 14 रनों से हराकर सचिन ने अपने करियर की एकमात्र कमी, कप्तानी को भी निखार लिया था। अब सचिन के लिए उपलब्धि हासिल करने के लिए क्रिकेट में तो कम से कम शायद ही कुछ बचा हो।