श्रीसंत से हटा आजीवन प्रतिबंध

Webdunia
सोमवार, 7 अगस्त 2017 (19:19 IST)
कोच्चि। क्रिकेटर एस श्रीसंत को राहत देते हुए केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को बीसीसीआई द्वारा 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में उन पर लगाया आजीवन प्रतिबंध हटा दिया।
 
अपने आदेश में न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुश्ताक ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड की श्रीसंत के खिलाफ शुरू की सभी कार्रवाई को भी रोक दिया। इससे पहले बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध को चुनौती देने वाली श्रीसंत की याचिका पर अदालत ने बोर्ड का पक्ष मांगा था।
 
सत्र अदालत ने श्रीसंत को आपराधिक आरोपों से मुक्त कर दिया था, लेकिन बीसीसीआई ने इसके बावजूद उन पर से आजीवन प्रतिबंध नहीं हटाया था जो बोर्ड की अनुशासन समिति ने लगाया था।
 
बीसीसीआई ने कहा था कि अदालत के समक्ष सवाल यह था कि याचिकाकर्ता (और अन्य आरोपी) पर संबंधित दंड सहिता के तहत आपराधिक मामला चले या नहीं। बोर्ड ने कहा कि दूसरी तरफ बीसीसीआई की अनुशासन समिति के सामने सवाल यह था कि याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग तथा बीसीसीआई के आंतरिक अनुशासन नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। बीसीसीआई ने कहा था कि अनुशासन जांच की तुलना में दंड संहिता के लिए जरूरी सबूत का स्तर काफी ऊंचा होता है। 
 
फैसले का अध्ययन करेगी बीसीसीआई की कानूनी टीम : बीसीसीआई ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय द्वारा तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटाए जाने के फैसले का वह अध्ययन करेगा।  बीसीसीआई के रुख के बारे में पूछने पर कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा कि फैसला आया है। बीसीसीआई की कानूनी टीम इस पर गौर करके अपनी प्रतिक्रिया देगी।

उनकी राय ली जाएगी और उचित मंच पर रखी जाएगी।  केरल क्रिकेट संघ के सचिव जयेश जॉर्ज ने कहा कि हम पहले दिन से श्रीसंत के साथ हैं। उस दौरान हम दिल्ली में थे। अब उच्च न्यायालय के फैसले के बाद हमें उम्मीद है कि उसका जीवन सामान्य हो जाएगा। हम चाहते हैं कि वे फिर केरल के लिए खेलें।  उन्होंने कहा कि  हमने दो साल पहले बीसीसीआई से अपील की थी कि श्रीसंत पर लगाया प्रतिबंध हटाया जाए चूंकि दिल्ली में एक निचली अदालत ने उसे क्लीन चिट दी थी।

अब केरल की अदालत के फैसले के बाद बीसीसीआई उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है। हमें नहीं पता कि उसका क्या रुख होगा। यह पूछने पर कि क्या श्रीसंत को रणजी टीम में शामिल किया जाएगा, उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कहा नहीं जा सकता लेकिन यह संघ का सामूहिक फैसला होगा। चयन समिति उसकी फिटनेस को देखकर तय करेगी। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख