प्रियंका गांधी ने किया सवाल, मोदी के 56 इंच के सीने में दिल है भी या नहीं?
शुक्रवार, 10 मई 2019 (20:09 IST)
भदोही/ सिद्धार्थ नगर/ संत कबीर नगर/ बस्ती (उप्र)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज करते हुए शुक्रवार को कहा कि 56 इंच का सीना दिखाने वाले मोदी के सीने में दिल है भी या नहीं?
प्रियंका ने भदोही, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर और बस्ती में आयोजित चुनावी जनसभाओं में मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी 56 इंच का सीना दिखाने की बात करते हैं, मगर उनके सीने में दिल है भी या नहीं? वे अपने दिल की नाप बताएं। उस दिल में जनता के लिए नहीं बल्कि उद्योगपतियों के लिए हमदर्दी है।
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि पहले चरण के चुनाव से पहले जब उन्होंने गंगा यात्रा के दौरान वाराणसी में छात्र-छात्राओं से मुलाकात की तो कुछ छात्राओं ने बताया कि उनके माता-पिता से एक शपथपत्र लिखवाया गया था कि वे वाराणसी में कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। यह कैसा लोकतंत्र है?
प्रियंका ने कहा कि राजनीति में झूठा प्रचार और नकारात्मक बातें आ गई हैं। हम अगर यहां हैं तो आप जनता की वजह से हैं। आप सबको अपनी ताकत को नहीं भूलना चाहिए। राजनीति में गंदगी और नकारात्मक बातों को अपनी आदत न बनाएं और आप बदलाव करें। लोकतंत्र ने आपको यह ताकत दे रखी है।
कांग्रेस महासचिव ने केंद्र की मौजूदा नरेन्द्र मोदी सरकार को अहंकारी बताते हुए उसे क्रोध, नफरत और नकारात्मकता फैलाने वाली करार देते कहा कि जब प्रधानमंत्री आपके सामने आते हैं तो कभी आपकी समस्या के बारे में कुछ नहीं कहते। वे पुरानी बातें, पाकिस्तान और अन्य बेकार की बातें करते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया घूमी है। वे पाकिस्तान भी गए और बिरयानी खाई। जापान गए और वहां ढोल बजाया। वे अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में भी गए लेकिन कभी समस्या जानने के लिए अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के किसी भी गांव में नहीं गए।
प्रियंका ने कहा कि संत कबीर ने सत्य और अहिंसा का नारा दिया जिसे महात्मा गांधी और कांग्रेस ने अपनाया लेकिन आज भाजपा नफरत और सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही है। नोटबंदी के दौरान बाकी हर शख्स बैंक की लाइन में खड़ा था लेकिन कोई भी अमीर आदमी या भाजपा का नेता उसमें नहीं खड़ा हुआ। उस लाइन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खड़े हुए थे, तो उन पर जमकर तंज किए गए थे।
प्रियंका ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मनरेगा को कमजोर किए जाने की वजह से नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद नौकरी गंवा चुके युवा को अपने गांव में भी रोजगार नहीं मिला।
कांग्रेस महासचिव ने छुट्टा पशुओं की समस्या के बारे में कहा कि चुनाव के दौरान किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने 1 महीने पहले छुट्टा पशुओं को रखने के लिए बाड़े बनवाए, लेकिन वहां उनके लिए पानी और चारे का इंतजाम नहीं किया। पिछले 5 साल के दौरान भाजपा की नीतियों से परेशान होकर 12 हजार किसानों ने आत्महत्या की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के किसान विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली पहुंचे तो प्रधानमंत्री अपने बंगले से नहीं निकले और उनकी समस्याएं सुनने के लिए 5 मिनट का वक्त भी नहीं निकाला।
प्रियंका ने कहा कि भाजपा अब 'किसान सम्मान योजना' की बातें कर रही है। जब कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी की मांग की थी, तब सरकार ने कहा कि था कि इसके लिए उनके पास धन नहीं है। अगर पैसे नहीं थे तो बड़े उद्योगपतियों के 550 हजार करोड़ रुपए कैसे माफ कर दिए गए?
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों द्वारा किसानों के कर्ज माफ किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इरादे नेक होने की वजह से किसानों की कर्जमाफी 3 दिन के अंदर हो गई, मगर आज एक अहंकारी नेता मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और चले जाते हैं।
प्रियंका ने अपनी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 15-15 लाख रुपए देने का अपना वादा पूरा नहीं किया। नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापारियों को बर्बाद कर दिया, मगर कांग्रेस सभी वर्गों को अपने पैरों पर खड़ा करेगी और पात्रों को हर साल 72 हजार रुपए देगी और मार्च 2020 तक 24 लाख सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती करेगी।