भोपाल। मध्यप्रदेश के 49 लाख किसानों को शिवराज सरकार ने एक और बड़ी सौगात देते हुए उनके खाते में 7600 करोड़ रुपए की राशि भेजी है। बैतूल में 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 49 लाख किसानों के दावों के रूप में 7600 करोड़ का भुगतान सिंगल क्लिक के माध्यम से किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि "7618 करोड़ रूपए हमने अभी डाले हैं, लेकिन जब फसलें खराब हुई थी तब राहत राशि के रूप में 2876 करोड़ रूपये की सहायता दी गई थी। यानि 10 हजार 494 करोड़ रूपये अभी तक किसानों को फसल बीमा और राहत राशि के रूप में दिए जा चुके हैं।" मुख्यमंत्री ने पिछले 22 महीनों का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि अब तक किसानों के खातों में 1 लाख 64 हजार 737 करोड़ रुपये अलग-अलग समय और योजनाओं के माध्यम से डाले जा चुके हैं।"
कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज एतिहासिक अवसर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा से ही किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की नियत रही है। आज पहला मौका है जब इतनी बड़ी फसल बीमा की राशि एक साथ किसानों के खाते में जमा की जा रही है, इस अवसर में एमपी के सीएम और कृषिमंत्री को बधाई देता हूं। विगत 15 वर्षो में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में खेती-किसानी के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है वह देश के मानचित्र पर उल्लेखित है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के 6 प्राथमिकताएं हैं, गांव, गरीब, किसान, दलित, महिला और नौजवान। इनकी उन्नति पर ही देश की प्रगति निर्भर है।
तोमर ने कहा कि फसल बीमा योजना का पैसा किसानों को लेने की नौबत न आये, लेकिन अगर फसल पर कोई नुकसान होता है उनके पास एक सुरक्षा कवच होना चाहिए। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रूपये किसानों को दिए जा चुके हैं। 888 करोड़ रूपए के प्रमीयम के बदले में किसानों को 7600 करोड़ रूपये भरपाई होना एक ऐतिहासिक अवसर है।
गौरतलब है कि कृषि विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश नई ऊंचाइयों को छूते हुए देशभर में सर्वोच्च स्थान पर पहुंच चुका है। रिकॉर्ड कृषि उत्पादन और उसे बढ़ाने के लिए शानदार योजना बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा सात बार प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने के साथ ही, आज मध्य प्रदेश दलहन और तिलहन के उत्पादन में देश में नंबर एक राज्य होने का दावा करता है। इतना ही नहीं सोयाबीन और उड़द के उत्पादन में भी मध्यप्रदेश को शीर्ष स्थान प्राप्त है, जबकि गेहूं, मसूर, मक्का और तिल के उत्पादन में प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है।