भोजन की कमी या अच्छे भोजन के अभाव के कारण कुपोषित बच्चे अक्सर कमजोर और खराब स्वास्थ्य वाले होते हैं। यह बच्चों में बौनापन और कमजोरी का कारण बन सकता है और उनका वजन कम हो सकता है। भिंड जिले के लहार से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने जानना चाहा था कि क्या इस साल के पहले 3 महीनों में लगभग 78 हजार कुपोषित बच्चे पाए गए हैं?
सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी बाल स्वास्थ्य एवं पोषण मिशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस संख्या में 21,631 अति कुपोषित बच्चे शामिल हैं। सरकार के लिखित जवाब के अनुसार राज्य में सबसे अधिक इंदौर संभाग में 22,721 कुपोषित बच्चे थे। इस संभाग में आलीराजपुर और झाबुआ के आदिवासी बहुल जिले शामिल हैं।(भाषा)