Trending Mehndi Designs for Sankranti : मकर संक्रांति का त्योहार भारत में खुशी, समृद्धि और परंपराओं का प्रतीक है। हर साल 14-15 जनवरी को मनाया जाने वाला यह पर्व सूर्य के उत्तरायण होने और मकर राशि में प्रवेश करने का संकेत देता है। इस दिन का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अनमोल है। मकर संक्रांति के साथ मेहंदी डिजाइन की परंपरा भी जुड़ी हुई है, जो त्योहार की शोभा बढ़ाती है। आइए, इस बार मकर संक्रांति 2025 पर कुछ खास मेहंदी डिजाइनों के बारे में जानते हैं।
मेहंदी डिजाइन : परंपरा और सौंदर्य का संगम
मेहंदी लगाना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। मकर संक्रांति जैसे त्योहारों पर महिलाएं और लड़कियां मेहंदी लगाकर अपनी खुशी का इजहार करती हैं। मेहंदी न केवल हाथों को खूबसूरत बनाती है, बल्कि यह शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक भी है। मकर संक्रांति पर खासतौर पर सूर्य, पतंग, तिल-गुड़ और परंपरागत डिजाइनों को मेहंदी में उकेरा जाता है।
त्योहार के मुताबिक मेहंदी डिजाइन के खास पैटर्न
1. सूर्य की आकृति : मकर संक्रांति सूर्य भगवान का पर्व है, इसलिए मेहंदी में सूर्य की सुंदर आकृतियां बनाई जाती हैं। ये डिजाइन न केवल पारंपरिक हैं, बल्कि शुभता का प्रतीक भी मानी जाती हैं।
2. पतंग और डोर : पतंगबाजी मकर संक्रांति का मुख्य आकर्षण है। पतंग और डोर की डिजाइन वाली मेहंदी इस पर्व को और खास बना देती है। पतंगों के साथ तिल के लड्डू या गुझिया के चित्र भी जोड़े जा सकते हैं।
3. तिल और गुड़ की थीम : तिल और गुड़ मकर संक्रांति के भोजन का मुख्य हिस्सा होते हैं। इनकी आकृतियां मेहंदी डिज़ाइन में शामिल कर त्योहार के महत्व को और गहराई दी जा सकती है।
4. फूल और बेल : फूलों और बेल की डिजाइन कभी पुरानी नहीं होती। यह हर त्योहार पर खूबसूरती और परंपरा को बनाए रखने का बेहतरीन तरीका है।
5. शुभ मंत्र और सांस्कृतिक प्रतीक : मेहंदी में "ओम," "स्वस्तिक," और "श्री" जैसे शुभ चिह्न भी बनाए जा सकते हैं, जो त्योहार की धार्मिक महत्ता को दर्शाते हैं।
मेहंदी से जुड़े कुछ टिप्स
मेहंदी को गाढ़ा और टिकाऊ बनाने के लिए उसमें नींबू और चीनी का मिश्रण लगाएं।
मेहंदी लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ करें और तेल न लगाएं।
मेहंदी सूखने के बाद उसे पानी से धोने के बजाय हल्के हाथों से छुड़ाएं।