क्या मर्द का दर्द, दर्द नहीं! कोल्डप्ले कॉन्सर्ट विवाद से सामने आया समाज का दोगलापन

गरिमा मुद्‍गल

मंगलवार, 22 जुलाई 2025 (13:29 IST)
Astronomer CEO Andy Byron : हाल ही में कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के एक क्लिप ने दुनिया भर में तूफान ला दिया, जिसमें एस्ट्रोनॉमर कंपनी के सीईओ एंडी बायरन अपनी कंपनी की एचआर हेड क्रिस्टिन कैबोट को किस करते दिखाई दिए। जैसे ही कैमरे ने इन दोनों के अंतरंग पल स्क्रीन पर दिखाए, पूरी दुनिया ने एंडी बायरन को 'गरियाना' शुरू कर दिया। उन्हें चरित्रहीन, धोखेबाज और उनकी पत्नी मेगन केरिगन को बेचारी कहा जाने लगा। यहां तक कि मीडिया ने तो ये भी बता दिया कि अगर एंडी बायरन की पत्नी मेगन केरिगन उन्हें तलाक देती हैं, तो बदले में उन्हें कितनी रकम मिलेगी। लेकिन, बड़े आश्चर्य की बात यह है कि एंडी बायरन जिस महिला एचआर हेड क्रिस्टिन कैबोट के साथ एक्सपोज्ड हुए, वह भी शादीशुदा हैं। क्या इसे समाज का दोगलापन नहीं कहा जाएगा कि जहां पूरी दुनिया की सहानुभूति एंडी बायरन की पत्नी को मिली, वहीं किसी ने क्रिस्टिन कैबोट के पति, जिनका नाम एंड्रयू कैबोट है, की सुध लेना भी वाजिब नहीं समझा?

पुरुष और महिला के लिए मापदंड क्यों अलग
यह घटना समाज की उस दोगली सोच को उजागर करती है, जहां एक ही अपराध के लिए पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तराजू पर तौला जाता है। एंडी बायरन को तुरंत धोखेबाज और चरित्रहीन करार दिया गया। उनके करियर, उनकी प्रतिष्ठा और उनके निजी जीवन पर सवाल उठाए गए। उनकी पत्नी के प्रति सहानुभूति की लहर दौड़ पड़ी, जो स्वाभाविक भी थी। लेकिन, क्रिस्टिन कैबोट, जो इस 'अंतरंग पल' में बराबर की भागीदार थीं, और जो स्वयं शादीशुदा थीं, उनके प्रति समाज की प्रतिक्रिया लगभग नगण्य रही। उनके पति एंड्रयू कैबोट के दर्द, उनकी भावनाओं या उनकी स्थिति पर किसी ने बात नहीं की। क्या क्रिस्टिन कैबोट ने अपने पति एंड्रयू कैबोट को धोखा नहीं दिया? या यह कहना ज्यादा सही है कि समाज ने धोखेबाज और चरित्रहीन ठहराने के लिए पुरुष को निशाने पर रखा है?

"मर्द को दर्द नहीं होता?"
यह कोई पहला मामला नहीं है जब समाज की दोगली सोच का शिकार मर्द हुआ हो। सदियों से, पुरुषों को 'मजबूत', 'भावनात्मक रूप से कठोर' और 'दर्द को सहने वाला' माना जाता रहा है। उन्हें सिखाया जाता है कि वे अपनी भावनाओं को व्यक्त न करें, खासकर दुख या कमजोरी को। जब कोई पुरुष धोखे का शिकार होता है, तो समाज अक्सर उसके दर्द को कम आंकता है या उसे नजरअंदाज कर देता है। "मर्द को दर्द नहीं होता" या "मर्द रोते नहीं" जैसी कहावतें इस पितृसत्तात्मक सोच का ही परिणाम हैं, जो पुरुषों को भावनात्मक रूप से पंगु बना देती हैं।

इस मामले में, जहां एंडी बायरन की पत्नी मेगन केरिगन को मिली सहानुभूति जायज थी, वहीं समाज को उसी सहानुभूति से क्रिस्टिन कैबोट के पति एंड्रयू कैबोट को भी देखना चाहिए था। धोखे का दर्द लिंग भेद नहीं करता। एक पुरुष भी उतना ही आहत होता है, जितना एक महिला, जब उसे उसके जीवनसाथी द्वारा धोखा दिया जाता है। लेकिन, पुरुषों के दर्द को अक्सर 'मर्दानगी' के नाम पर दबा दिया जाता है, जिससे वे अकेलेपन और भावनात्मक अलगाव का शिकार होते हैं।

महिलाओं के साथ पुरुषों को भी है समानता का अधिकार 
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वास्तव में एक समान समाज की ओर बढ़ रहे हैं। यदि हम समानता की बात करते हैं, तो यह हर पहलू में होनी चाहिए – चाहे वह अधिकार हों या जिम्मेदारियां या फिर बात भावनात्मक पहलू की हो। किसी भी रिश्ते में बेवफाई एक गंभीर मुद्दा है, और इसकी जिम्मेदारी दोनों पक्षों पर समान रूप से होनी चाहिए। किसी एक लिंग को दोषी ठहराना और दूसरे को बरी कर देना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह समाज में लैंगिक असमानता को भी बढ़ावा देता है।

कोल्डप्ले कॉन्सर्ट का यह विवाद एक छोटा सा उदाहरण मात्र है, जो समाज की बड़ी समस्या को दर्शाता है। यह समय है जब हमें अपनी सोच बदलनी होगी। हमें यह स्वीकार करना होगा कि 'मर्द को भी दर्द होता है', और उनके दर्द को भी उतनी ही गंभीरता और सहानुभूति के साथ समझने की आवश्यकता है, जितनी एक महिला के दर्द को। जब तक हम दोनों लिंगों को समान रूप से नहीं देखेंगे और उनकी भावनाओं का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक हम एक न्यायपूर्ण और संवेदनशील समाज का निर्माण नहीं कर पाएंगे।

 

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