नई दिल्ली। वैसे तो देश के सभी 612 जिलों पर जलवायु परिवर्तन का असर पड़ने की संभावना है, लेकिन देश के 100 जिलों पर उसका खतरा अधिक मंडरा रहा है, जिनमें से अधिकतर पूर्वी हिस्से में स्थित हैं। एक अध्ययन में यह आशंका प्रकट की गई है।
नीति समन्वय एवं कार्यक्रम प्रबंधन (पीसीपीएम) संभाग के वरिष्ठ सलाहकार तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में जलवायु परिवर्तन सलाहकार अखिलेश गुप्ता ने नीतिगत संवाद में कहा कि अध्ययन में पाया गया कि देश के 8 राज्यों- झारखंड, मिजोरम, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, असम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल पर जलवायु परिवर्तन का अधिक असर पड़ने की आशंका है।
गुप्ता ने जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल का हवाला देते हुए कि धरती का तापमान पहले ही औद्योगिक पूर्व स्तर से 1.1 डिग्री बढ़ चुका है तथा इसके अगले दो दशक में और 1.5 डिग्री तक बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत पर भी आने वाले समय में धरती के बढ़ते तापमान की बड़ी मार पड़ने की आशंका है तथा ऐसे में लू की बारंबारता, गंभीरता एवं उसकी अवधि बढ़ सकती है।