सर्वेक्षण के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 95 प्रतिशत लोग ज्यादा नहीं तो, उतनी ही सफाई कर रहे हैं जो उन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी को लेकर पैदा हुई चिंताओं के चलते पिछले साल की थी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि हालांकि शेष विश्व से तुलना किए जाने पर भारतीय कम प्रतिक्रियाशील हैं क्योंकि हर तीन में से महज एक व्यक्ति अपने घर के फर्श पर धूल देखकर उसे साफ करने को प्रेरित हुए, जबकि वैश्विक औसत 40 प्रतिशत है।
उन्होंने एक बयान में कहा, असल में, जब लोग धर में धूल जमा देखते हैं, तब इस बात की अत्यधिक संभावना होती है कि आपके घर में धूल में कीट पैदा हो गए हों। डायसन ग्लोबल डस्ट स्टडी 2022 15 मिनअ का ऑनलाइन सर्वेक्षण था, जिसमें भारत सहित 33 देशों से लोगों को शामिल किया गया। भारत से 1019 लोगों को शामिल किया गया।
मुंबई स्थित पीडी हिंदुजा नेशनल इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर के फेफड़ा रोग कंसल्टेंट डॉ. लांसलोट पिंटो ने कहा, भारत में हम बार-बार सफाई करते हैं लेकिन सफाई के पारंपरिक तरीके से शायद अच्छी सफाई नहीं हो सकती है।