ट्रंप का टैरिफ अटैक, क्या होगा भारत पर असर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 31 जुलाई 2025 (12:40 IST)
Trump imposed 25 percent tariff on India : अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 1 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है। रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीदी करने की वजह से उन्होंने भारत से अतिरिक्त जुर्माना भी वसूलने का एलान किया है। हालांकि ट्रंप कितना जुर्माना वसूलेंगे इसका खुलासा नहीं हुआ है। 
 
ट्रंप के द्वारा ऐलान किए गए नए टैरिफ प्लान भारत के कई बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्यात क्षेत्रों पर लागू होंगे। ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, स्टील, एल्युमीनियम, स्मार्टफोन, सोलर मॉड्यूल, समुद्री उत्पाद, रत्न-भूषण, और चुनिंदा प्रसंस्कृत खाद्य और कृषि उत्पाद सभी 25 फीसदी टैरिफ की लिस्ट में शामिल हैं। हालांकि फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों को इससे बाहर रखा गया है।
 
यह घोषणा चौंकाने वाली है क्योंकि दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। ट्रंप ने एक ओर भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगा दिया तो दूसरी तरफ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि टैरिफ पर भारत से बातचीत जारी है। 

इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को 2 हफ्ते कही राहत: भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को प्रस्तावित अमेरिकी शुल्क से करीब 2 सप्ताह की राहत मिली है, क्योंकि जारी द्विपक्षीय वार्ता के तहत प्रौद्योगिकियों को शामिल करने वाले एक प्रमुख खंड की समीक्षा लंबित है। भारत से अमेरिका को होने वाले इलेक्ट्रॉनिक निर्यात का स्मार्टफोन, खासकर आईफोन सबसे बड़ा हिस्सा हैं। ट्रंप खुले तौर पर एप्पल से भारत में आईफोन का उत्पादन बंद करने की मांग कर रहे हैं।
 
क्या ज्यादा टैरिफ लगाता है भारत : अमेरिका दुग्ध उत्पादों (188 प्रतिशत), फलों व सब्जियों (132 प्रतिशत), कॉफी, चाय, कोको व मसालों (53 प्रतिशत), अनाज एवं खाद्य पदार्थों (193 प्रतिशत), तिलहन, वसा व तेल (164 प्रतिशत), पेय पदार्थ एवं तंबाकू (150 प्रतिशत), खनिज व धातु (187 प्रतिशत) और रसायन (56 प्रतिशत) जैसी वस्तुओं पर भी उच्च शुल्क लगाता है।
 
भारत की औसत शुल्क दर 17 प्रतिशत है, जो अमेरिका की 3.3 प्रतिशत से अधिक है लेकिन दक्षिण कोरिया (13.4 प्रतिशत) और चीन (7.5 प्रतिशत) जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समान है।
 
चुनौती बने CAP : कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कभी देश में टमाटर, प्याज़ और आलू की क़ीमतों को लेकर TOP चुनौती की बात करते थे। अब भारत को CAP- चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से उत्पन्न राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
 
ट्रंप पाकिस्तान पर मेहरबान : अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप भारत के प्रति जितने सख्‍त हैं उतने ही पाकिस्तान के प्रति मेहरबान। ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि अमेरिका पाकिस्तान को उसके तेल (और गैस) भंडारों की खोज और विकास में मदद करेगा। यह उस वित्तीय सहायता से अलग है, जो वे पहले ही पाकिस्तान को IMF और वर्ल्ड बैंक से दिलवा चुके हैं।
 
गौरतलब है कि रूस से भारत का कच्चा तेल आयात रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले कुल खरीद का 0.2 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 35-40 प्रतिशत हो गया है। चीन के बाद, रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार भारत है।
 
edited by : Nrapendra Gupta

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