परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित और 1919 में कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का परिचय दे चुके धनोवा ने दौरे के दूसरे दिन बुधवार शाम सैन्य अधिकारियों से भेंट के दौरान कहा कि सहारनपुर का सैनिक सरसावा हवाई अड्डा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसकी सीमाएं जम्मू-कश्मीर से मिलती है। इसलिए यह हवाई अड्डा संवेदनशील श्रेणी में शामिल है।
उन्होंने सरसावा स्टेशन के एयरकमोडोर संदीप चौधरी के साथ सरसावा एयर स्टेशन की सभी यूनिटों का दौरा किया और रक्षा तैयारियों की समीक्षा की। वायुसेनाध्यक्ष ने कहा कि वह स्टेशन की क्षमता और तैयारियों से संतुष्ट हैं। सरसावा के एयर कमोडोर चौधरी ने बताया कि धनोवा वायुसेनाध्यक्ष बनने के बाद दूसरी बार सरसावा एयरफोर्स स्टेशन पर आए हैं।
समीक्षा बैठक में वायुसेनाध्यक्ष ने पाया कि सरसावा एयरफोर्स स्टेशन को लेकर खुफिया एलर्ट और वायुसेना चौकसी कर रही है। इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सरसावा एयरबेस की खूबी यह है कि यहां अनेक प्रकार के सैनिक हेलीकॉप्टर हैं, जिनका किसी भी चुनौती में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है। (वार्ता)