पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी रण पूरी तरह सज चुका है। बंगाल के अभेद दुर्ग को पहली बार फतह करने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अभी जब बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब छह महीने की दूरी पर है,भाजपा ने ममता सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अपना चुनावी चक्रव्यूह तैयार कर लिया है।
भाजपा की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने बंगाल की पूरी चुनावी कमान अपने हाथों में संभाल ली है। अमित शाह लगातार दूसरे महीने बंगाल दौरे पर पहुंचे हैं अपने दो दिन के बंगाल दौरे के दौरान अमित शाह मंदिर जाकर माथा टेकने के साथ ही प्रखर राष्ट्रवाद के नायक रहे रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद और क्रांतिकारी खुदीराम बोस को नमन करते हुए नजर आए।
अमित शाह अपने बंगाल दौरे के दौरान हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर खासा फोकस करते हुए दिखाई दे रहे है। अपने दूसरे बंगाल दौरे की शुरुआत भी अमित शाह ने कोलकाता के रामकृष्ण मिशन जाकर रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देकर की। वहीं सिद्धेश्वर मंदिर में दर्शन करने के बाद वह खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं दौरे के दूसरे दिन रविवार को शाह शांति निकेतन जाकर रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि देंगे।
Had the profound fortune of spending time at the Ramakrishna Mission & pay tributes to Swami Vivekananda ji. He was a great son of Mother India who devoted his life to National Resurgence. May his ideals continue to inspire us to transform India into a land of enlightened wisdom. pic.twitter.com/8dJCjiLPot
पहली बार बंगाल विजय के लिए भाजपा ने जीत का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है वह हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर आधारित है। दूसरे शब्दों में कहे तो भाजपा बंगाल के लोगों में राष्ट्रबोध की भावना को जगाकर वोटों के ध्रुवीकरण करने की कोशिश में जुटी है।
दौरे के पहले दिन बंगाल के मिदनापुर में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह बंगाल की महान भूमि को नमन करते है जहां ईश्वरचंद्र,विद्यासागर और शहीद खुदीराम बोस का जन्म हुआ है। अपने दौरे के पहले दिन अमित शाह कई बार देश को आजादी और नई विचारप्रवाह के लिए बंगाल और बंगालियों के योगदान को याद करते हुए नजर आए।
बंगाल में भाजपा की राजनीति के करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार आनंद पांडे कहते हैं कि बंगाल की राजनीति के इतिहास में पहली बार कोई पार्टी लोगों में राष्ट्रबोध की भावना जगाकर जीत की राह तलाश रही है। आनंद पांडे कहते हैं कि गृहमंत्री अमित शाह लगातार अपने बंगाल दौरे के दौरान एक ओर मंदिरों के दर्शन कर हिंदुत्व कार्ड के सहारे भाजपा के पक्ष में वोट बैंक को मजबूत कर रहे है तो दूसरी ओर बंगाल से आने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि देकर लोगों में राष्ट्रबोध की भावना जागने का काम कर रहे है।
सरलता एवं सहजता भारतीय जनता पार्टी के विचारों का मूल स्तंभ है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में आनंद पांडे कहते है कि आज बंगाल में भाजपा ममता सरकार के खिलाफ जिस मजबूत स्थिति में दिख रही है उसके पीछे संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों की सालों से की गई मेहनत है। संघ और उससे जुड़े संगठनों ने सीधे तौर पर राजनीति से दूर रहते हुए लगातार अपने कार्यक्रमों के जरिए एक ऐसी जमीन तैयार की है जिसके सहारे भाजपा ने पहले लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल की वहीं अब विधानसभा चुनाव में लोगों को टीएमसी के विकल्प के रूप में नजर आने लगी है।
अपने दो दिन के दौरे के पहले दिन अमित शाह आज मिदनापुर के बेलिजुरी गांव में किसान परिवार के घर भोजन कर नए कृषि कानून पर किसानों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश भी करते हुए दिखाई दिए। वहीं देर शाम अमित शाह पार्टी नेताओं की एक बैठक को संबोधित कर उनको चुनाव मेंं जीत का मंत्र दे रहे है।