वर्ष 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अगुवाई करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि उनका आंदोलन मुख्य रूप से नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार के खिलाफ होगा क्योंकि वे लोग सत्ता में आने के बाद पिछले तीन वर्षों में लोकपाल नियुक्त रहने में विफल रहे हैं।
अन्ना हजारे ने मोदी पर सीधा हमला करते हुए अपने चार पन्ने की चिट्ठी में लिखा, 'मैंने लोकपाल तथा लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कई बार आपको चट्ठी लिखी है, लेकिन मुझे आपकी ओर से ना तो कोई जवाब मिला और ना ही आपकी ओर से कोई कार्रवाई देखने को मिली। लोगों ने भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी के कारण आपकी बातों पर विश्वास किया लेकिन आज भी कोई काम रिश्वत दिए बिना नहीं होता है और ना ही महंगाई में कमी आई है।'
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा, 'मैंने पिछले तीन वर्षों में आपको लोकपाल तथा लोकायुक्त के मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए कई बार याद दिलाया है, लेकिन हर बार मुझे निराशा मिली है। मन की बात कई बार प्रसारित हो चुके है लेकिन आपने एक बार भी लोकपाल तथा लोकायुक्त की चर्चा नहीं की।'