इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरोहर स्थलों पर फोटो खींचने की मनाही को अप्रासंगिक करार देते हुए कहा था कि अब यह नियम बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों, सेवानिवृत्त बुजुर्गों, स्कूली बच्चों तथा कॉरपोरेट जगत को भागीदार बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'हमारे देश में यह मानसिकता बनानी है। समाज जिस प्रकार धरोहरों का संरक्षण कर सकता है, कोई सरकारी एजेंसी नहीं कर सकती। कारपोरेट वर्ल्ड को भी इसमें शामिल कर सकते हैं।'