वर्ष 2002 में इस महिला और उसकी चार बहनों ने मद्रास उच्च न्यायालय में आश्रम के कुछ अधिकारियों द्वारा कथित रूप से यौन शोषण किए जाने की शिकायत की थी। इसके बाद न्यायालय ने इन बहनों को आश्रम खाली करने का आदेश दिया और चूंकि इस परिवार ने इन आदेशों का पालन नहीं किया तो उन्हें पुलिस की मदद से वहां से जबरन निकाल दिया गया।