महाराष्ट्र में भाजपा सांसदों की संख्या घटकर 9 हुई, फडणवीस ने की इस्तीफे की पेशकश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 5 जून 2024 (23:42 IST)
BJP MPs number in Maharashtra comes down to 9 : संसदीय चुनाव में महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्यों की संख्या 23 से घटकर 9 रह जाने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को पद से इस्तीफा देने की पेशकश की, ताकि वह विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह पार्टी के कामकाज पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
 
उन्होंने कहा, मैं महाराष्ट्र के नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं। मैं पार्टी नेतृत्व से अनुरोध करता हूं कि मुझे सरकार में जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए, ताकि मैं आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए पूरे समय काम कर सकूं। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह फडणवीस से बात करेंगे और असफलताओं से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। अब से छह महीने से भी कम समय में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
 
उन्होंने लोकसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए हुई बैठक के बाद कहा, इस परिणाम की पूरी जिम्मेदारी मेरी है। मैं मानता हूं कि इस सबमें कहीं न कहीं मेरी कमी रही है और मैं इस कमी को दूर करने का पूरा प्रयास करूंगा। चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद बुलाई गई इस बैठक में राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। मुख्य एजेंडा पार्टी के प्रदर्शन का विश्लेषण करना और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना था।
 
मुझे सरकार में मेरी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए : फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र में भाजपा को जो झटका लगा है, उसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। अब मैं विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और इसीलिए मैं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध करने जा रहा हूं कि मुझे सरकार में मेरी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए और पार्टी में पूर्णकालिक रूप से काम करने का मौका दिया जाए।
 
उन्होंने कहा, मैं जल्द ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने जा रहा हूं और वे जो भी कहेंगे, मैं वही करूंगा। फडणवीस ने कहा, कुछ सीट पर किसानों के मुद्दों ने प्रमुख भूमिका निभाई। साथ ही, संविधान में बदलाव किए जाने के झूठे प्रचार ने भी कुछ मतदाताओं को प्रभावित किया। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ समन्वय को लेकर भी कुछ मुद्दे हैं।
 
बाद में जब फडणवीस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो शिंदे ने कहा कि उन्होंने सामूहिक रूप से चुनाव लड़ा था और हार को लेकर सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। शिंदे ने कहा, हार की जिम्मेदारी तीनों दलों की है, हमने मिलकर काम किया। उन्होंने कहा कि वह फडणवीस से बात करेंगे। शिंदे ने कहा कि महायुति की हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी।
 
हम भविष्य में भी साथ मिलकर काम करते रहेंगे : उन्होंने कहा, हमने अतीत में मिलकर काम किया है और हम भविष्य में भी साथ मिलकर काम करते रहेंगे। असफलताओं से हमें हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, अगर आप मत प्रतिशत को देखें तो महायुति को मुंबई में दो लाख से ज्यादा वोट मिले।
 
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और सहयोगी दलों को लगे झटके के बाद फडणवीस द्वारा इस्तीफे की पेशकश करना 'नाटक' है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि फडणवीस एक असंवैधानिक सरकार चला रहे हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह दो पार्टियों को तोड़कर सत्ता में लौटे हैं।
 
महाराष्ट्र में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार-नीत राकांपा की ‘महायुति’ (गठबंधन) को कुल 48 में से 17 लोकसभा सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) को 30 सीट पर जीत हासिल हुई। कांग्रेस ने 13, शिवसेना (यूबीटी) ने नौ और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने आठ सीट जीतीं। वहीं भाजपा ने नौ, शिवसेना ने सात और राकांपा ने सिर्फ एक सीट जीती, जिससे महायुति की सीटों की संख्या 17 हो गई।
 
मैं यहां कुछ मांगने नहीं आया : इस बीच, शिंदे ने नई दिल्ली में कहा कि मोदी ने लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल किया है और राजग उनके नेतृत्व में अगली सरकार बनाएगा। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने लोकसभा में सात सीट जीती हैं और इसे केंद्र में भाजपा का एक महत्वपूर्ण सहयोगी माना जाता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना द्वारा मांगे जाने वाले विभागों के बारे में पूछे गए सवालों पर कहा, मैं यहां कुछ मांगने नहीं आया हूं। मैं यहां मोदी जी का समर्थन करने आया हूं।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा-शिवसेना और राकांपा का सत्तारूढ़ गठबंधन चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के भ्रामक दावों का मुकाबला करने में सामूहिक रूप से विफल रहा। उन्होंने कहा, संविधान बदलने के झूठे विमर्श ने हमें चोट पहुंचाई है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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