पिछड़ों के विकास का रास्ता रोकती रही है कांग्रेस : भाजपा

रविवार, 16 अप्रैल 2017 (14:38 IST)
भुवनेश्वर। भाजपा ने समतामूलक समाज निर्माण के लक्ष्य हासिल करने के लिए सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों को उत्थान के वास्ते पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के लिए पेश विधेयक का राज्यसभा में कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों द्वारा पारित होने से रोके जाने की कड़ी निंदा की है और कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता इस मुद्दे को जन-जन तक ले जाएंगे।
 
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यहां चल रही बैठक में रविवार को पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकसभा में इस आशय के संविधान संशोधन विधेयक पारित किए जाने के बावजूद राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्षी दलों ने जिस तरह से उसका विरोध किया है, वह बेहद निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका यह विरोध पिछड़े वर्गों को लेकर उनकी मूल मनोस्थिति को दर्शाता है।
 
प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सच है कि देश में लंबे समय तक शासन में रहने के बावजूद कांग्रेस पिछड़े वर्ग के हितों का यह काम नहीं कर पाई जिसकी शुरुआत भाजपा ने की है। आजादी के बाद काका कालेलकर आयोग एवं मंडल आयोग की रिपोर्ट के बावजूद कांग्रेस की सरकारों ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। प्रस्ताव में कहा गया है कि राजनीति में विरोध और आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं लेकिन गरीब एवं हाशिए के लोगों के हितों के किसी फैसले को अपनी राजनीति के लिए रोकना कहीं से भी उचित नहीं है।
 
भाजपा ने सभी कार्यकर्ताओं एवं सामाजिक संस्थाओं से समता मूलकसमाज के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले के महत्व को दूरदराज के गरीबों एवं पिछड़ों तक पहुंचाने का आह्वान किया है। इसके साथ ही पार्टी ने कहा है कि विपक्षी दलों के पिछड़ा वर्ग विरोधी आचरण का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
 
भाजपा ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इससे पिछड़े वर्ग को न्याय मिलेगा। मौजूदा पिछड़ा वर्ग आयोग एक साधारण कानूनी निकाय है जिसका कार्य सरकार को जातियों की सूचियों में शामिल करने या निकालने के संबंध में सलाह देना है। अब इस आयोग को संवैधानिक निकाय के रूप में अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। यह आयोग पिछड़े वर्गों के संरक्षण कल्याण एवं विकास तथा उन्नति से संबंधित कार्यों का भी निर्वहन करेगा।
 
उल्लेखनीय है कि पिछले संसदीय सत्र के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक को लोकसभा में पारित किए जाने के बाद राज्यसभा में पेश किया गया था लेकिन कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया था। (वार्ता)
 

वेबदुनिया पर पढ़ें