नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों द्वारा कथित तौर पर ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की कोशिशों के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को कहा कि वे समुदाय को प्रलोभित करने में सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय भाजपा का साथ देगा क्योंकि वह भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय हित को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है।
संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि ब्राह्मण जाति नहीं है बल्कि संस्कार है। उसने हमेशा भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय हित को प्रोत्साहित करने के लिए काम किया और वे उसी पार्टी के साथ खड़े होंगे जो ऐसा करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मौर्य राजवंश के राजा चंद्रगुप्त मौर्य से की और कहा कि ब्राह्मण उसी तरह से मोदी का समर्थन करेगा जिस तरह से चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य का किया था।
गौरतलब है कि ब्राह्मण चाणक्य महान शिक्षक और अर्थशास्त्र के रचयिता थे और उन्हें नंद सम्राज्य को उखाड़कर चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाने की रणनीति का श्रेय दिया जाता है। चौबे सहित भाजपा के कुछ ब्राह्मण नेताओं ने हाल में बैठक की थी जिसमें उन्होंने समुदाय को पार्टी के साथ जोड़े रखने के विभिन्न तरीकों पर मंथन किया था।
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की अनुमानित आबादी 11 प्रतिशत है और पांरपरिक रूप से समुदाय भाजपा का समर्थन करता है। हालांकि, चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों ने भाजपा के इस वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। बहुजन समाजवादी पार्टी ने कई ब्राह्मण सम्मेलन करने की घोषणा की है जिसकी शुरुआत 23 जुलाई को अयोध्या से होगी।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी समुदाय को लुभाने की कोशिश की है और आरोप लगाया है कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। चौबे ने बसपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं ने पहले ब्राह्मणों को अपमानित किया और अब समुदाय को आकर्षित करने की कोशिश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने और उनके नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं।