आयोग ने इस मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग के पास भेज दिया था। अर्जी में अनुरोध किया गया है कि आयोग को ठाकुर के आरोपों पर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि यह 'भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) से जुड़ा मुद्दा है।
ठाकुर फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं। वह 29 सितंबर, 2008 में उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी हैं। शहर के एक मस्जिद के पास बाइक पर रखा बम फटने से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मुकदमे की सुनवाई चल रही है। (भाषा)