केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा है कि सुब्रमण्यन ने कुछ दिनों पहले उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका जाने की इच्छा जताई थी। उन्होंने पद छोड़ने को लेकर पारिवारिक कारणों का हवाला दिया था। उनका यह व्यक्तिगत कारण है, लेकिन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वे बगैर किसी विकल्प के पद छोड़ गए हैं, लेकिन उनके निर्णय से सहमत होना होगा।
पीटरसन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के वरिष्ठ फैलो सुब्रमण्यन को अक्टूबर 2014 में देश का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का था, जो 16 अक्टूबर 2017 को समाप्त हो गया था, लेकिन पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें 1 वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया था।
मुख्य आर्थिक सलाहकार का प्रमुख काम वित्तमंत्री को वृहद अर्थव्यवस्था के मामलों में सलाह देना होता है और उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में आर्थिक सर्वेक्षण और अर्द्धवार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करना भी शामिल होता है। सुब्रमण्यन से पहले रघुराम राजन सितंबर 2013 तक इस पद पर तैनात थे। राजन ने रिजर्व बैंक का गर्वनर नियुक्त किए जाने के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था। (भाषा)