कांत ने यहां अमेटी विश्वविद्यालय के नोएडा कैंपस में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और एटीएम की प्रौद्योगिकी अगले तीन से चार साल में बेकार हो जाएगी और हम सभी तमाम लेनदेन करने के लिए अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होंगे। कांत को अमेटी विश्वविद्यालय में डाक्टरेट की मानद उपाधि दी गई।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में एकमात्र देश हैं जहां अरबों की संख्या में बायोमेट्रिक डेटा उपलब्ध हैं। इसके साथ ही मोबाइल फोन और बैंक खाते भी हैं इसलिए भविष्य में यह एकमात्र देश होगा जहां कई तरह की नई चीजें होंगी। ज्यादा से ज्यादा वित्तीय लेनदेन मोबाइल फोन के जरिये किए जाएंगे और यह रुझान पहले से ही दिखने लगा है। (भाषा)