नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरे के निशान से उपर बना हुआ है। इसे देखते हुए विभिन्न मंत्रालय तथा एजेंसियां सतर्क हो गई है। हाईकोर्ट और एनजीटी से मिली फटकार के बाद 13 नवंबर से सम विषम योजना के लिए दिल्ली तैयार है। इस मामले में सभी पक्ष केजरीवाल सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय के सचिवों के साथ साथ दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किए हैं।
आयोग ने कहा कि लगता है सम्बन्धित अधिकारियों ने इस समस्या से निपटने के लिए उचित कदम नहीं उठाया जो इस क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य तथा जीने के अधिकार का उल्लंघन करने के समान है। उसने कहा कि केन्द्र और राज्यों की संबंधीत एजेंसियों को इस बारे में तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है। सरकारी तंत्र अपने नागरिकों को जहरीले धुएं से मरने के लिए नहीं छोड़ सकता।
नहीं बढ़ेगा ओबा-उबर का किराया : दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि समविषम कार योजना क्रियान्वयन के दौरान ऐप आधारित कैब आपरेटर ओला और उबर किराये में बढ़ोतरी नहीं करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ओला और उबर के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई गई है। टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी उबर ने कहा कि दिल्ली में अगले सप्ताह समविषम योजना लागू होने तक वह डायनैमिक या सर्ज प्राइजिंग नहीं लगाएगी।