कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल ने यादव और मिश्रा से कहा कि सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या करने वाले 7 लाख किसानों का जीवन उनके जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल अपना अनशन तभी तोड़ेंगे, जब किसानों की मांगें मान ली जाएंगी। कोहाड़ के अनुसार, अगर केंद्र ने किसानों की मांगें नहीं मानीं, तो डल्लेवाल अपने जीवन का बलिदान देने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं।