हमारा अब भी मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती संरचनात्मक नहीं, चक्रीय है। इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र का संकट है। इसमें सुधार उतना तेज नहीं होगा जितना हमने पहले सोचा था। यह मुख्य मुद्दा है। इस दौरान आईएमएफ ने भारत पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की।
सलगादो ने कहा कि इसकी वजह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के ऋण में कमी है। इसके अलावा व्यापक रूप से ऋण को लेकर परिस्थितियां सख्त हुई हैं। साथ ही आमदनी, विशेषरूप से ग्रामीण आय कम रही है। इससे निजी उपभोग प्रभावित हुआ है। (एजेंसियां)