- 3 से 5 अप्रैल को होगी मौद्रिक नीति समिति की बैठक
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जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
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निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में सुधार के संकेत
Inflation expected to be 4.5 percent : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो चालू वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान की तुलना में कम है। इसके पहली तिमाही में 5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पाया कि घरेलू आर्थिक गतिविधियां अच्छी है। निवेश की मांग में तेजी, आशावादी व्यापारिक भावनाओं तथा बढ़ते उपभोक्ता विश्वास से इसको समर्थन मिलेगा।
मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दर निर्धारित करती है। उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर बड़े तथा बार-बार आने वाले खाद्य मूल्यों के झटके महंगाई में कमी की गति को बाधित कर रहे हैं जो मुख्य मुद्रास्फीति को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, अगले साल मानसून के सामान्य रहने पर 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, इसके पहली तिमाही में पांच प्रतिशत, दूसरी तिमाही में चार प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जोखिम दोनों तरफ बराबर है। दास ने महंगाई को कम करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि एमपीसी ने रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, एमपीसी मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप लाने को लेकर प्रतिबद्ध है।