बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं, हाईकोर्ट में चुनौती की तैयारी

वृजेन्द्रसिंह झाला
BASU Vice Chancellor selection process under question: बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना (Bihar Animal Science University Patna) के कुलपति के चयन की प्रक्रिया में अनियमितताओं की बात सामने आई है। इस चयन प्रक्रिया में न सिर्फ विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के नियमों की अनदेखी की गई है बल्कि कई काबिल लोगों को साक्षात्कार से वंचित कर दिया गया। इनमें से कुछ आवेदक इस पूरी चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। 
 
दरअसल, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर नियुक्ति हेतु राजभवन पटना की ओर से आवेदन मांगे गए थे, जिसकी अंतिम तिथि 28 जून 2024 रखी गई थी। कुलपति पद की नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें राजभवन के नोटिफिकेशन क्रमांक का उल्लेख नहीं था। 
 
चयन समिति के 3 सदस्यों की राज्यपाल द्वारा नियुक्ति की जाती है। जिस तरह से यह पूरी प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उसे देखते हुए राजभवन भी शक के दायरे में आ गया है। 6 नवंबर को साक्षात्कार के लिए 17 आवेदकों को बुलाया गया था, जबकि कई अन्य काबिल लोगों को साक्षात्कार की सूचना ही नहीं दी गई। आरटीआई लगने के बाद फिलहाल परीक्षा परिणाम रोक लिया गया है, साक्षात्कार के ‍अगले ही दिन परिणाम घोषित कर दिया जाता है। 
 
चयन नहीं करते, साक्षात्कार के लिए तो बुलाते : वेटनरी कॉलेज महू के पूर्व प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष तथा कुलपति पद के आवेदक प्रो. (डॉ.) आरके बघेरलवाल ने वेबदुनिया को बताया कि कुलपति पद के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने का प्रावधान था। 6 नवंबर को कई लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। चयन होना या नहीं होना ये अलग मुद्दा है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी योग्यता के अनुसार मुझे भी साक्षात्कार के लिए तो बुलाया जाना चाहिए था।
 
हालांकि जब मुझे पता चला कि मुझे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया तो मैंने आरटीआई के तहत राजभवन पटना से जानकारी मांगी कि जो विज्ञापन आपने जारी किया है, उसमें राजभवन का नोटिफिकेशन नंबर नहीं है। दूसरी बात, जो चयन समिति लोगों की सक्रीनिंग करती है, उसके मापदंड निर्धारित नहीं किए। इसके साथ जो स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई उनमें कई विशेषज्ञ ऐसे थे, जिनका पशु विज्ञान से कोई लेना-देना ही नहीं था। 
क्या कहा विभाग की प्रमुख सचिव ने : डॉ. बघेरवाल ने बताया कि जब मैंने एनीमल हसबेंड्री विभाग की प्रमुख सचिव एन. विजयलक्ष्मी से इस सिलसिले में बात की तो उन्होंने बताया कि इस चयन प्रक्रिया में मुझे भी सदस्य के रूप में शामिल होना था, लेकिन मुझे बुलाया ही नहीं गया। वहीं कमेटी के चेयरमैन और बिहार के पूर्व मुख्‍य सचिव अमीर सब्बानी ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

डॉ. बघेरवाल ने कहा कि आश्चर्यजनक बात तो है कि चयन समिति ने कई काबिल वैज्ञानिकों को भी साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि यदि साक्षात्कार को रद्द नहीं किया जाता है तो मैं इस मामले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दूंगा। बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद नीतीश सरकार भी नाराज है। यह भी खबर है साक्षात्कार प्रक्रिया को रद्द कर पूरी प्रक्रिया फिर से की जा सकती है।    

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