तमिलनाडु को कावेरी का पानी नहीं देगा कर्नाटक, बनाया यह नया बहाना...

शनिवार, 24 सितम्बर 2016 (08:34 IST)
बेंगलुरू। न्यायपालिका के साथ टकराव की स्थिति पैदा करने वाला कदम उठाते हुए कर्नाटक ने शुक्रवार को वस्तुत: इस बात से इंकार कर दिया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप वह तमिलनाडु को कावेरी नदी का शेष पानी देगा। 
 
राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया है कि पानी का उपयोग सिर्फ पेयजल की जरूरतों के लिए होगा और इसे किसी दूसरे मकसद के लिए नहीं दिया जाएगा। कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया है कि पेयजल की जरूरतों के अलावा किसी दूसरे मकसद के लिए पानी नहीं दिया जाएगा।
 
सदन में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने जवाब में कहा, 'यह असंभव परिस्थति पैदा हो गई है जहां अदालती आदेश का पालन संभव नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ‘गंभीर तनाव’ में है और कावेरी से पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही संघर्ष कर रहा है।
 
विधानसभा में पारित प्रस्ताव में उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लेख नहीं है, लेकिन कर्नाटक न्यायपालिका के साथ टकराव की स्थिति में आ सकता है। देश की शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि कनार्टक 21 से 27 सितम्बर तक रोजाना 6,000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु के लिए छोड़े।
 
कर्नाटक के सभी दलों के समर्थन से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि जरूरी है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि कावेरी नदी के जलाशयों में जो पानी बचा है उसको पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करने के अलावा इसका दूसरे मकसद के लिए उपयोग नहीं हो। विपक्षी भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने अंग्रेजी भाषा में इस प्रस्ताव को पेश किया, जबकि जदएस के नेता वाईएसवी दत्ता ने कन्नड़ भाषा वाले प्रस्ताव को रखा।(भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें