कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद आतंकवाद को लेकर रणनीति में बदलाव दिखाई दे रहा है। एक जानकारी के मुताबिक अब आतंकियों के शव उनके परिजनों को नहीं दिए जाएंगे। मुठभेड़ में वे जहां मारे जाएंगे, उन्हें वहीं दफन कर दिया जाएगा।
दरअसल, यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि आतंकियों के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग एकजुट होते हैं और उनके प्रति लोगों का समर्थन भी बढ़ता है। अब उन्हें मुठभेड़ स्थल पर ही दफन कर दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस तरह के संकेत गृह मंत्रालय की ओर से आए हैं ताकि स्थानीय युवाओं को आतंकवाद से जुड़ने से रोका जा सके।