Delhi Pollution : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में जहरीली हवा से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इस बीच दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर को राष्ट्रीय राजधानी में आर्टिफिशियल बारिश का प्रस्ताव दिया है।
प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आने के बावजूद पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही।
यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से 30 से 40 गुना अधिक है।
केजरीवाल के प्रस्ताव के बाद अब दिल्ली में हवा से प्रदूषकों और धूल को साफ करने में मदद के लिए क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश देखने को मिल सकती है। कृत्रिम बारिश करवाने के लिए पर्याप्त नमी वाले बादलों की उपस्थिति और उपयुक्त हवाएं जैसी विशिष्ट मौसम संबंधी स्थितियों की जरूरत होती है।
कानपुर में हो चुकी है क्लाउड सीडिंग : आईआईटी, कानपुर बीते कई सालों से क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर शोध कर रहा था। संस्थान द्वारा इसे लेकर सफल परीक्षण कर लिया गया है जिससे अब एक उम्मीद की किरण जगी है कि क्लाउड सीडिंग के माध्यम से किसी भी मौसम में किसी भी समय बारिश कराई जा सकेगी।
कानपुर में जून 2023 में एयरक्राफ्ट की मदद से आईआईटी, कानपुर के ऊपर हवा में केमिकल पाउडर फायर किया गया जिसके बाद बारिश देखने को मिली।