पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में आंदोलन का असर दिखाई दे रहा है। पंजाब में किसानों द्वारा सड़कों पर दूध बहाने की तस्वीरें आ रही हैं। महाराष्ट्र के पुणे में भी प्रदर्शन की खबरें हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां पिछले साल हुए हंगामें को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
सब्जी और दूध की किल्लत : किसानों का दावा है कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। इस दौरान दूध, फल, अनाज और सब्जियां गांव से बाहर नहीं आएगी। किसानों को गिरफ्तार किया गया तो जेल भरो आंदोलन छेड़ा जाएगा।
क्या है आंदोलनकारियों की मांगें : आंदोलनकारी सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य चाहते हैं। उनकी मांग है कि फल, सब्जी, दूध के दाम भी लागत के आधार पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर तय किए जाएं। वे चाहते हैं कि किसानों का पूरा ऋण माफ हो।