जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए घोष को अस्पताल में घटना से पहले और उसके बाद किए फोन कॉल की जानकारियां देने को कहा गया है। अधिकारी घोष की कॉल डिटेल और डेटा उपयोग की जानकारियां प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता से भी संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं।
घोष को चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। उनसे सवाल किया गया है कि हादसे के बाद उन्होंने किससे संपर्क किया और (पीड़िता के) माता-पिता को करीब तीन घंटे तक का इंतजार क्यों कराया? पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत के संगोष्ठी कक्ष के पास कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था?
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जाएगा। सीबीआई ने जांच के संबंध में अब तक कोलकाता पुलिस के कई अधिकारियों समेत 20 से अधिक लोगों से अभी तक पूछताछ की है।
परास्नातक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव 9 अगस्त को आर जी कर अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। महिला चिकित्सक का शव मिलने के दो दिन बाद घोष ने प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने ऊपर हमले का डर जताया था, जिसके बाद उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से सुरक्षा मांगी थी। अदालत ने उन्हें एकल पीठ के पास जाने का निर्देश दिया था।