उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने लेह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि साल 2020 में अगस्त के आखिर में लद्दाख के कैलाश रेंज में यह स्थिति पैदा हो गई थी। उन्होंने कहा, 'हम एकदम उस स्थिति में पहुंच चुके थे... युद्ध असल में टाला गया है।'
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी के अनुसार, बाद में चीन के तेवर नरम पड़ गए। जब अगले दौर की बातचीत हुई तो भारत का पलड़ा भारी रहा। उन्होंने कहा कि चीन के इतनी जल्दी कदम वापस खींचने की उम्मीद कम नहीं थी, लेकिन भारतीय फौज ने 29-30 अगस्त की रात को LAC पर जो किया था वह टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।