पहले प्रश्नकाल में और फिर शून्यकाल की शुरुआत में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मांग उठाने की कोशिश की। लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पहले सदन में नए सदस्यों को बोलने का मौका मिलेगा तत्पश्चात उन्हें बोलने दिया जाएगा। इससे कांग्रेस के सदस्यों में नाराजगी छा गई और वे आसन के सम्मुख आकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने 'सेना को कुचलना बंद करो', 'सेना को इंसाफ दो' और 'सेना विरोधी मोदी सरकार हाय-हाय' के नारे लगाए।
इस पर अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों को उनके स्थान पर जाने को कहा और कठोर कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि सदन के बीचोबीच आसन के सम्मुख आकर हंगामा करने वाले सदस्यों को अंतिम मौका दिया जा रहा है, फिर उन्होंने चौधरी से अपनी बात रखने को कहा।
उन्होंने कहा कि यह सरकार सैनिकों के शौर्य का इस्तेमाल कर सत्ता में आई है, वह स्वयं को देशभक्त कहती है और दूसरी तरफ दिव्यांग पूर्व सैनिकों को मिलने वाले पेंशन पर भी कर लगाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पेंशन पर कर न लगाया जाए।
इसके बाद रक्षामंत्री ने कहा कि पेंशन बढ़ने के कारण टैक्स लगाने का मामला है। रक्षा तैयारियां और सैनिकों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं। सारा देश जानता है कि 40 साल से 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग हो रही थी और कांग्रेस उन्हें गुमराह करती रही लेकिन हमने इसे लागू किया। यह पहली बार उनके संज्ञान में लाया गया है। इसकी जानकारी लेकर वे सदन को अवगत कराएंगे। (वार्ता)