बेंगलुरु। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि आर्थिक सुधारों की जिस प्रक्रिया से वे जुड़े हुए थे वह अब भी अधूरी है और देश की सामाजिक व आर्थिक नीति के नए डिजाइन के लिए नई सोच की जरूरत है। वे यहां बेंगलुरु डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकनामिक्स में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों की जिस प्रक्रिया से वह जुड़े थे वह सामाजिक व आर्थिक तौर पर वंचित लोगों के लिए नए अवसर प्रदान करने पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा, यह प्रक्रिया अभी अधूरी है और हमें नई सोच की जरूरत है।
सिंह को भारत में आर्थिक उदारीकरण प्रक्रिया का प्रणेता माना जाता है जिसकी शुरुआती 1991 में हुई थी। उन्होंने कहा कि नीति ऊंची आर्थिक वृद्धि दर तथा आर्थिक असमानता पर काबू पाने के दोहरे लक्ष्यों का समुचित मिश्रण होना चाहिए। (भाषा)