मंगलवार से शुरू हुए महापर्व पर शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ट्वीट किया है कि महापर्व छठ की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। दिवाली के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व में लौकिक ऊर्जा के रूप में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आस्था का यह महापर्व पूर्ण रूप से प्रकृति को समर्पित है। इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश या पूर्वांचल के लोग मनाते हैं।
दूसरे दिन को 'खरना' कहा जाता है, जब श्रद्धालु दिनभर उपवास रखते हैं, जो सूर्य अस्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। उसके बाद वे मिट्टी के बने चूल्हे पर 'खीर और रोटी' बनाते है जिसे बाद में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है।
पर्व के तीसरे दिन छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं। चौथे व अंतिम दिन को 'पारन' कहा जाता है। इस दिन व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे कई पारंपरिक पकवानों के साथ ही केला, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार के फल रखकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं जिसके बाद इस पर्व का समापन हो जाता है। (भाषा)