उन्होंने युवाओं से भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ उनकी मुहिम में योगदान का आह्वान करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार की चर्चा तो खूब होती थी किंतु कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाते थे। आज स्थिति दूसरी है और इसी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का ही परिणाम है कि 3-3 पूर्व मुख्यमंत्री जेल की सलाखों के पीछे हैं। इस मौके पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन, रक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे, थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ भी मौजूद थे।
मोदी ने कहा कि अब कोई नौजवान भ्रष्टाचार सहने के लिए तैयार नहीं है। इस बुराई पर समाज में नफरत का भाव महसूस किया जा रहा है किंतु इससे काम नहीं चलेगा। कालेधन और भ्रष्टाचार में युवाओं को विशेष योगदान करना है, क्योंकि इस लड़ाई का उद्देश्य युवाओं के भविष्य का निर्माण करना है।
एनसीसी को लेकर अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने उन्हें कड़ा अनुशासन और देशभक्ति समेत बहुत कुछ सिखाया है। एनसीसी केवल परेड और वर्दी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से हम विशाल भारत को अपने भीतर संजोए हुए हैं। एनसीसी के जरिए ही हम देश के लिए एक जज्बा अपने अंदर समाहित करते हैं और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते-बूझते हैं।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जब एनसीसी के कैडेट 10 राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों और देशवासियों के सामने कदमताल कर रहे थे उस वक्त वहां केवल कैडेट नहीं, अपितु देश और उसका हौसला आगे बढ़ रहा था और एनसीसी की पहचान एकता और अनुशासन है। (वार्ता)