मोदी ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कुछ लोग महाभारत के 'शल्य' की तरह निराशा और हताशा फैला रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या मोदी खुद को या फिर अपनी सरकार को 'कर्ण' समझ रहे हैं। क्योंकि शल्य महाभारत युद्ध में कर्ण के सारथी थे और उन्होंने अर्जुन की प्रशंसा कर परोक्ष रूप से कर्ण को हताश और निराश ही किया था।
यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि कर्ण ने अधर्म यानी कौरवों के पक्ष में युद्ध किया था, ऐसे में शल्य को गलत कैसे ठहराया जा सकता था। क्योंकि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पांडवों का ही साथ दिया था। ऐसा भी माना जाता है कि युद्ध समय जब कर्ण का रथ कीचड़ में फंसा था तो शल्य जानबूझकर ही रथ को वहां ले गए थे, ताकि कर्ण फंस जाए। उसी समय कृष्ण के निर्देश पर अर्जुन ने कर्ण का वध कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि शल्य पांडु की दूसरी पत्नी माद्री नकुल और सहदेव के मामा थे और मद्र देश के शासन थे, जो पांडवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने के लिए आए थे, लेकिन दुर्योधन ने छद्म तरीके से अपने पक्ष में कर लिया था।