रूचक नामक पंचमहापुरुष राजयोग के कारण नरेंद्र मोदी 2029 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। ग्रहों एवं गोचर की चाल के कारण भारत में आगामी कुछ सालों तक देश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी।
ज्योतिष और वास्तु में पीएचडी डॉ. अविनाश शाह ने ज्योतिषीय गणना के आधार पर दावा किया है कि इस बात की पूरी संभावना है कि नरेन्द्र मोदी 2029 तक देश के प्रधानमंत्री रहेंगे। डॉ. शाह के मुताबिक भारत में 2029 तक किसी प्रकार के सत्ता परिवर्तन का योग नहीं है। मोदी सरकार 2029 तक स्थायी रहेगी एवं नरेंद्र मोदी वर्ष 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। 2024 में भी मोदी के प्रबल राजयोग होने के कारण उनका प्रधानमंत्री बनना तो तय है ही, भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत से और ताकतवर होकर केंद्र की सत्ता में लौटेगी।
मोदी जी की कुंडली में वर्तमान में लग्नेष मंगल की महादशा 30 नवंबर 2021 से 20 नवंबर 2028 तक रहेगी, जो कि राजयोग की कारक है।
मंगल की महादशा में मोदी पूर्ण शक्ति के साथ केंद्र की सत्ता में राज करेंगे अर्थात देश के प्रधानमंत्री रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली के अनुसार 2024 के आम चुनाव में भी मोदी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में ज्यादा ताकत के साथ वापसी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में लग्नेश मंगल व भाग्येश चंद्रमा का प्रबल राजयोग लग्न में बना है जो कि सभी विरोधियों से मोदी जी को अलग करता है।
मंगल की महादश में मोदी जी सभी चुनौतियों का सामना करते हुए विश्व विख्यात नेता की छवि बना रहे हैं एवं आगे भी बनाएंगे। भारतवर्ष में मोदी स्थिर शासन दे रहे हैं, जो 2029 तक जारी रह सकता है।
भारत देश की कुंडली में शनि कुंभ राशि पर दसवें घर में बैठे हैं जो कि राजनैतिक स्थिरता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की कुंडली में मंगलव लग्न भाव में स्वराशि के बैठे हैं जो कि रूचक नामक पंचमहापुरुष योग बनाते हैं। यह एक विशेष दर्जे का राजयोग है। रूचक नामक पंचमहापुरुष योग के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षियों पर भारी रहते हैं एवं आगे भी भारी रहते हुए 2029 तक देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
क्या कहती है भारतवर्ष की कुंडली : प्रख्यात ज्योतिषी डॉ. अविनाष शाह के अनुसार यदि भारत वर्ष की कुंडली का आकलन करें तो इसे हम निम्न बिंदुओं के अधार पर स्थिर सरकार की स्थिति को समझ सकते हैं-
भारत वर्ष का जन्म नहीं हुआ परंतु विभाजन 1947 में जरूर हुआ था। तत्कालीन राष्ट्रपति ने भारत की कुंडली का निर्माण करवाया था।
14-15 अगस्त, 1947 को मध्य रात्रि 00:00 को भारत आजाद हुआ। भारत वृष लग्न व कर्क राशि में आजाद हुआ था।
वर्तमान समय में भारत वर्ष की कुंडली में गुरु ग्रह मीन राशि में 11वें भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर 13 अप्रैल 2022 से अप्रैल 2023 तक गोचर करेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। इसके साथ ही देश का विकास गति के साथ आगे बढ़ेगा।
भारत वर्ष की कुंडली में शनि 29 अप्रैल 2022 को 10वें भाव में गोचर करेंगे जो कि उनकी खुद की मूल त्रिकोण राशि है। शनि 12 जुलाई 2022 को पुनः मकर राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद जनवरी 2023 में शनि वापस अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर करेंगे जो कि 2.5 अर्थात ढाई साल तक रहेगा। शनि का खुद की राशि में रहना भारतवर्ष को स्थिर एवं सशक्त शासन देगा। इस समय में केंद्र की सत्ता ताकतवर रहेगी एवं देश में सुरक्षा का माहौल रहेगा।
शनि एवं गुरु ग्रह का गोचर देश की सुरक्षा, राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था व विकास के लिए आने वाले तीन सालों तक उत्तम रहेगा।
मीन राषि का गुरु देश में धार्मिक जागरूकता पैदा करेगा एवं लोग अपने धर्म के प्रति आस्तिक रहेंगे।