नीरव मोदी और उसकी कंपनियों का पीएनबी के साथ करीब 14,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सार्वजनिक होने के बाद इन दोनों कंपनियों को इन शाखाओं से उधार लेने की सुविधा वापस ले ली गई। आंतरिक जांच में नीरव मोदी समूह के दुबई और हांगकांग के खातों से लेन-देन में धोखाधड़ी के निशान नहीं मिले हैं।
यह गोरखधंधा को देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला बताया जा रहा है। इसमें पीएनबी को कुल डूबी 14,356 करोड़ रुपए की राशि के लिए गत मार्च में समाप्त हुई पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 7,178 करोड़ रुपए की हानि का प्रावधान किया, बाकी नुकसान को इसके आगे की 3 तिमाहियों में समायोजित किया जाएगा।