नई दिल्ली। सशस्त्र सेनाओं की संचालन तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी सरकार ने सोमवार को 6,900 करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी जिनमें सेना के लिए रात में लंबी दूरी तक दुश्मन पर नजर रखकर उन पर सटीक निशाना लगाने में मदद करने वाले उपकरण भी शामिल हैं।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर बढ़ावा देने की नीति पर आगे बढ़ते हुए इन उपकरणों की खरीद 'बॉय इंडियन' श्रेणी में घरेलू कंपनियों से की जाएगी। रक्षा क्षेत्र से संबंधित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के विकास में भी इससे मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार सेना के लिए खरीदे जाने वाले 'थर्मल इमेजिंग नाइट साइट' उपकरणों का इस्तेमाल रॉकेट लांचर से सटीक हमलों के लिए किया जाएगा। इस उपकरण से घनी रात में भी दुश्मन के जवानों और टैंकों की हलचलों पर नजर रखी जा सकेगी, इसके साथ ही दुश्मन के बंकरों की स्थिति का पता लगाकर उन्हें ध्वस्त करने में भी आसानी रहेगी। यदि दुश्मन छिपकर भी हमला करता है तो उसका पता लगाया जा सकेगा, क्योंकि ये उपकरण जंगलों में पत्तों की आड़ लेने और अस्थायी निर्माण के पार भी आसानी से देखने में सक्षम हैं।
रक्षा खरीद परिषद ने वायुसेना के लड़ाकू बेड़े के प्रमुख विमान सुखोई-30 के लिए लंबी दूरी तक कार्य करने वाली 'इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक प्रणाली' के डिजाइन और विकास को भी मंजूरी दी है। यह प्रणाली दिन और रात दोनों में काम करने में सक्षम होगी और इससे विमान की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। रक्षा खरीद परिषद पिछले 8 महीनों में 43 हजार 844 करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दे चुकी है। इसमें से 32 हजार 253 करोड़ रुपए के सौदे स्वदेशी कंपनियों के साथ किए गए हैं। (भाषा)