नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड ‘एक’ के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए और राज्य सरकार की सहमति से अनुच्छेद 35ए यानी संविधान (जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में) आदेश 1954 को समाप्त कर दिया है। अब इसकी जगह पर संविधान (जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में) आदेश 2019 लागू होगा। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 35ए राज्य के लोगों की पहचान और उनके विशेष अधिकारों से संबंधित था।
सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें इस आशय के निर्णय को मंजूरी दी गई थी।
क्या अनुच्छेद-35A?
अनुच्छेद 35A को मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश द्वारा इसे संविधान में जोड़ा गया।
यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर विधानसभा को स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है।
राज्य जिन नागरिकों को स्थायी घोषित करता है केवल वही राज्य में संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी प्राप्त करने एवं विधानसभा चुनावों में मतदान का अधिकार रखते हैं।
यदि जम्मू-कश्मीर का निवासी राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से विवाह करता है तो वह यह नागरिकता खो देगा।
1954 के जिस आदेश से अनुच्छेद 35A को संविधान में जोड़ा गया था, वह आदेश अनुच्छेद 370 की उपधारा (1) के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा पारित किया गया था।